स्टूडेंट्स की परेशानी सुनें, क्लास के अलावा बच्चों से बात करने के लिए वक्त निकालें; 7 तरीके जो बन सकते हैं मददगार
स्कूल खुल चुके हैं, लेकिन अभी भी बच्चों और पैरेंट्स के मन में कोरोनावायरस को लेकर डर बना हुआ है। इतना ही नहीं टीचर्स के मन में भी बच्चों के स्कूल लौटने से डर रहे हैं, क्योंकि एक ही बिल्डिंग के नीचे सैकड़ों बच्चों के साथ रहने से सोशल डिस्टेंसिंग की बात नामुमकिन सी लगती है।
ज्यादातर माता-पिता बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहते और न ही वे ऑनलाइन क्लास को पसंद करते हैं। यूनेस्को की रिपोर्ट बताती है कि कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में 100 करोड़ से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। अकेले भारत में यह आंकड़ा 32 करोड़ 7 लाख 13 हजार 810 है।
अब जब ज्यादातर बच्चे घर से ही रहकर पढ़ाई करने वाले हैं तो डिजिटल पढ़ाई में कुछ चीजें शामिल कर ऑनलाइन एजुकेशन को असरदार बनाया जा सकता है। बच्चों के साथ-साथ टीचर्स को भी डिजिटल एजुकेशन को लेकर थोड़ा सजग होना होगा। हालांकि, टीचर्स भी परेशानियों से अछूते नहीं हैं। टेक्नोलॉजी की कम समझ, बच्चों का साथ न मिल पाना, सही माहौल तैयार न होने जैसी कई मुश्किलों का शिक्षक सामना कर रहे हैं।
टीचर्स को बनना होगा सहनशील
राजस्थान के कोटा में न्यूरो साइकैट्रिस्ट और काउंसलर डॉक्टर नीना विजयवर्गीय के अनुसार, टीचर्स भी इस सिस्टम के आदी नहीं होने के कारण डरे हुए हैं और वे ऑनलाइन क्लासेस के दौरान आत्मविश्वास महसूस नहीं कर पा रहे हैं।
इसके अलावा कई शिक्षक कैमरे के सामने बच्चों के व्यवहार से भी खासे परेशान हैं। इसपर अहमदाबाद में साइकैट्रिस्ट और काउंसलर डॉ. ध्रुव ठक्कर का कहना है कि यह मजबूरी है हमारे पास कोई च्वाइस नहीं है। हमें इन हालात को मानना होगा, क्योंकि आप इसे बदल नहीं सकते। यह अस्थाई है परमानेंट नहीं। कुछ महीनों के लिए आपको सहनशीलता बनानी होगी।
टीचर्स के लिए 7टिप्स जो ऑनलाइन क्लासेज को बेहतर बनाने में मददगार हो सकते हैं...
1. स्ट्रीम के बजाए लेक्चर रिकॉर्ड करें: अगर आपके छात्र इंटरनेट या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं तो उनके लिए रिकॉर्डेड लेक्चर मददगार होंगे। हो सकता है कि स्टूडेंट्स किसी कारण से लाइव क्लास नहीं कर पाएं, लेकिन अगर उनके पास क्लास का रिकॉर्ड वीडियो होगा तो वे उसे आसानी से डाउनलोड कर कितनी भी बार देख सकते हैं।
2. बच्चों को नजर आएं: कई बार टीचर्स कैमरे के सामने आने के बजाए स्लाइड शो पर निर्भर रहते हैं। वे स्क्रीन पर टॉपिक्स को स्लाइड के जरिए चलाते हैं और उन्हें समझाते हैं। कुछ शोध बताते हैं कि लेक्चर वीडियो में अगर टीचर का चेहरा नजर आ रहा है तो यह ज्यादा प्रभावकारी होगा। बच्चे पढ़ाई और शिक्षक को ज्यादा अच्छे से समझ पाएंगे।
3. स्लाइड की जांच कर लें: वीडियो पर पढ़ाई के दौरान टीचर्स किसी भी विषय को समझाने के लिए स्लाइड्स की मदद लेते हैं। कई बार शिक्षकों को भी स्लाइड तैयार करते वक्त शब्दों के आकार-प्रकार का ध्यान नहीं रहता। किसी भी स्लाइड को क्लास में दिखाने से पहले एक बार टेस्ट जरूर कर लें, ताकि छोटी स्क्रीन पर किसी भी छात्र को सब्जेक्ट समझने में परेशानी का सामना न करना पड़े।
4. छात्रों के लिए मौजूद रहें: समूह में वीडियो क्लासेज को केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रखना चाहिए। इसके बजाए कुछ समय ऐसा भी निकालें, जिसमें आप छात्रों की बात सुन सकें। जूम या किसी भी सर्विस पर लॉगइन करें और स्टूडेंट्स को तय समय बता दें। इसके बाद स्टूडेंट्स के आने का इंतजार करें और उनकी परेशानियों को ध्यान से सुनें।
यह स्टूडेंट्स से फीडबैक लेने का अच्छा तरीका हो सकता है। हालांकि, इस तरह की मीटिंग्स को जरूरी न करें। इसमें जो भी शामिल होना चाहते है, हो सकता है। अगर कोई भी छात्र बात करने नहीं आता है तो परेशान न हों। यह ध्यान रखें कि छात्र इस बात को लेकर खुश हैं कि उनके पास इस तरह का भी कोई ऑप्शन है।
5. बच्चों को आपस में सुलझाने दें मुश्किलें: ऑनलाइन क्लासेज के दौर में आप ऐसे छोटे ग्रुप तैयार कर सकते हैं, जहां बच्चे आपसे सवाल पूछने से पहले साथियों से सलाह कर सकें। बच्चों को उनके हिसाब से संपर्क बनाने के लिए प्रोत्साहित करें। अगर छात्र आपस में ज्यादा बात नहीं कर रहे हैं तो आप ग्रुप में सवाल पूछकर बातचीत शुरू करने में मदद कर सकते हैं।
6. मन की बात साझा करें: अगर आप ऑनलाइन क्लासेज के मामले में नए हैं, तो इसमें आपको खुद को कम समझने की जरूरत नहीं है। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान शिक्षकों को बच्चों के साथ भावनात्मक रूप से खुलकर बात करनी चाहिए। बच्चों को बताएं कि यह आपका ऑनलाइन क्लासेज के मामले में पहला अनुभव है और आप भी पढ़ाते हुए सीख रहे हैं। इसके अलावा बच्चों से खुलकर मदद मांगे और उन्हें यह बताएं कि आप अपना बेहतर देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
7. तरीका खोजें और दोहराएं: ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे बच्चों को बार-बार पढ़ाई का तरीका बदलने के कारण परेशानी हो सकती है। ऐसे में टीचर इस बात का पता करें कि किस तरह से बच्चे बेहतर ढंग से समझ रहे हैं और आप किस तरीके से उन्हें अच्छे से पढ़ा सकते हैं। जब आपको एक बार प्रभावी टीचिंग स्टाइल का पता लग जाए तो उसे बार-बार दोहराएं।
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