
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में पेट्रोल पंप खाली, एक अक्टूबर से नहीं पहुंची कोई मालगाड़ी, सेना-अर्धसैनिकों पर सीधा असर पड़ेगा
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पंजाब किसान आंदोलन का सीधा असर अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख में दिखने लगा है। नेशनल हाइवे पर पेट्रोल-डीजल सप्लाई की किल्लत हो गई है, ज्यादातर पेट्रोल पंप सूख रहे हैं। कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाले 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर भी बहुत से ऐसे पेट्रोल डीजल फिलिंग स्टेशन ऐसे हैं, जो या तो खाली हो गए हैं या बहुत ही काम पेट्रोल डीजल बचा है। कई पेट्रोल पंप दिन में कुछ ही घंटे खुल रहे हैं। यहां सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को पेट्रोल-डीजल की बहुत जरूरत होती है, अब किल्लत होने से उनके सामने संकट खड़ा हो गया है।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में करीब 1200 पेट्रोल पंप हैं। इनमें 600 से अधिक जम्मू रीजन में, 500 के करीब कश्मीर, जबकि लद्दाख यूटी में सौ फिलिंग स्टेशन हैं। 2018 से पहले जम्मू कश्मीर में केवल 538 पेट्रोल पंप थे। उसके बाद तेल कंपनी ने 600 से अधिक नए पेट्रोल पंप जम्मू कश्मीर में दिए। एक पेट्रोल पंप पर हर दिन पेट्रोल और डीजल की खपत 12 हजार से 36 हजार लीटर तक है। यह लोकेशन पर निर्भर करता है। जबकि एक पेट्रोल पंप की स्टोरेज कैपेसिटी 25 हजार लीटर से 40 हजार लीटर तक की है।
कश्मीर और लद्दाख में सप्लाई होने वाला पेट्रोल व डीजल जालंधर से मालवाहक ट्रेन के जरिए जम्मू पहुंचता है। उसके बाद यहां से करीब हर रोज 400 से 450 टैंकरों से जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई होता है। मगर जैसे ही किसान बिल पास होने के बाद पंजाब में किसानों के प्रदर्शन और आंदोलन ने तूल पकड़ा। इसका असर रेल यातायात पर भी हुआ। क्योंकि पंजाब के जालंधर तक पाइप लाइन से पेट्रोल और डीजल की सप्लाई होती है। पंजाब में ट्रेन सेवा प्रभावित होने से पेट्रोल और डीजल की सप्लाई नहीं हुई, जबकि इसका सीधा असर जम्मू कश्मीर में हुआ।

जम्मू कश्मीर पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के प्रधान आनन शर्मा के अनुसार, रोज़ 70 वेगन पेट्रोल डीजल ट्रेन से जम्मू में आता था और उसके बाद टैंकरों से जम्मू शहर और जम्मू कश्मीर यूटी और लद्दाख यूटी में जाता था। पंजाब में किसान प्रदर्शन के चलते एक अक्टूबर से यहां कोई ट्रेन नहीं पहुंची। अभी जालंधर और बठिंडा से पेट्रोल और डीजल जम्मू कश्मीर पहुंच रहा है।
जहां पहले रोज 400-450 टैंकर पेट्रोल-डीजल सप्लाई होता था, वहीं अब सिर्फ 200 टैंकर ही पेट्रोल और डीजल आ रहा है। शर्मा कहते हैं कि इससे लगाकर किल्लत बढ़ रही है। इस पेट्रोल और डीजल की शॉर्टेज का सीधा असर सेना, अर्ध सैनिक बल, पुलिस को मिलने वाले तेल पर पड़ेगा। सीमावर्ती इलाकों पुंछ, राजौरी हो या कश्मीर और लद्दाख में इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

लद्दाख का रास्ता नवंबर से बंद हो जाता है और कश्मीर भी सर्दी की दिनों में कई कई दिन तक सड़क मार्ग से कट जाता है, जिससे सर्दी के दिनों में कश्मीर में तेल का स्टॉक रखना जरूरी हो है। शर्मा ने जम्मू कश्मीर और केंद्र सरकारों से भी गुहार लगाई है कि ट्रेन पटरियों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत कर या फिर किसी अन्य तरीके से उन्हें हटाकर रेल यातायात को जम्मू कश्मीर की तरफ सुनिश्चित किया जाए, ताकि जम्मू तक ट्रेन वैगन से पेट्रोल डीज़ल आ सके।
लद्दाख और जम्मू कश्मीर में हर फिलिंग स्टेशन पर एक दिन में 3 टैंकर आते था, लेकिन आजकल केवल एक टैंकर ही उपलब्ध हो रहा है। वहीं हाईवे और कश्मीर के कई पंपों पर हर दिन सप्लाई भी नहीं पहुंच रही। पेट्रोल पंप एसोसिएशन सरकार को समस्या बता चुका है।
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