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भागवत बोले- चीन के साम्राज्यवादी स्वभाव के सामने भारत तनकर खड़ा हुआ, कोई हमारी दोस्ती को दुर्बलता न समझे

भागवत बोले- चीन के साम्राज्यवादी स्वभाव के सामने भारत तनकर खड़ा हुआ, कोई हमारी दोस्ती को दुर्बलता न समझे

विजयादशमी के मौके पर रविवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर स्थित मुख्यालय में शस्त्र पूजा की। उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का असंदिग्ध निर्णय आया। एकमत से निर्णय था, सारे देश ने समाज ने उसे स्वीकार किया। हर्षोल्लास का विषय होने के बाद भी संयम से उसे मनाया। कोरोना के चलते इस बार केवल 50 लोग मौजूद थे।

भागवत ने यह भी कहा कि चीन के साम्राज्यवादी स्वभाव के सामने भारत तनकर खड़ा हुआ है, जिससे पड़ोसी देश के हौसले पस्त हुए हैं। कोई भी देश हमारी दोस्ती को कमजोरी न समझे।

नागपुर स्थित मुख्यालय में कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत (बाएं से दूसरे)।

भागवत के भाषण की मुख्य बातें

कोरोना को बढ़ा-चढ़ाकर बताया, लेकिन जनता सावधान हुई
हम कह सकते हैं कि सारी परिस्थिति में कोरोना महामारी से होने वाला नुकसान भारत में कम है, इसके कारण कोरोना की बीमारी कैसे फैलेगी इसे समझकर हमारे शासन-प्रशासन ने उपाय बताए। उनका अमल हो, इसकी तत्परता से योजना की। उन्होंने इसका बढ़ा-चढ़ाकर इसका वर्णन किया, जिससे जनता में भय आ गया। लेकिन उसका फायदा भी हुआ कि जनता अतिरिक्त सावधान हो गई।

कोरोना में सारा समाज दूसरों की चिंता करने में जुट गया। लोग सहायता लेकर गए तो लोगों ने यह तक कहा कि हमारे पास सात दिन का राशन है, जिसे जरूरत है उसे दीजिए। संकट में लोगों ने परस्पर सहयोग दिखाया। अंग्रेजी में इसे सोशल कैपिटल कहते हैं, लेकिन यह हमारे संस्कारों में हैं। बाहर से आकर हाथ-पैर धोना, सफाई का ध्यान रखना यह हमारा सांस्कृतिक संचय है, यह हमारे व्यवहार में आ गया।

लोगों को गांवों में रोजगार देने होंगे
जो लोग अपना रोजगार बंद करके अपने-अपने गांव गए थे, वे वापस आने लगे हैं। बहुत अधिक तादाद वापस आने वालों की है। जो अभी अपने ही गांवों में टिके हैं, वे वहीं रोजगार ढूंढेंगे। ऐसे में अब रोजगार पैदा करना है। शिक्षकों का वेतन बंद है, कई को अभी भी सबको पूरा वेतन नहीं मिल पा रहा। अब वे घर कैसे चलाएं, इसकी समस्या है। अभिभावकों के पास बच्चों की फीस भरने का पैसा नहीं है। ये सारी व्यवस्था करना सेवा का आयाम ध्यान में आता है। ये सब परिस्थिति है, लेकिन इससे धीरे-धीरे बाहर आने वाले हैं। इस समय अपराध की समस्या बढ़ती है।

कोरोना ने प्रकृति को बेहतर किया
हमारे जीवन में कुछ कृत्रिम चीजें घुस गई थीं, जो इस दौर में कम हो गईं। इससे यह अनुभव हुआ कि इनके न रहने से जीवन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। क्या आवश्यक है और क्या नहीं, ये पता लग गया है। हमें हवा में ताजगी का अनुभव हुआ। नदी-नाले के पानियों में हमने स्वच्छता देखी। हमने अनेक प्रकार के पक्षी घर की खिड़कियों पर और बगीचे में देखे।

कोरोना के कारण कार्यक्रम बदला
नागपुर में होने वाले संघ के इस कार्यक्रम में हर साल किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाता है। इस बार कोरोना महामारी के कारण किसी बाहरी व्यक्ति को कार्यक्रम में नहीं बुलाया। इस बार नागपुर में जयघोष और पथ संचलन भी नहीं किया गया।

पिछली बार कहा था- केंद्र ने आर्टिकल 370 हटाकर दम दिखाया
पिछली बार विजयादशमी के मौके पर संघ प्रमुख ने कहा था कि केंद्र सरकार ने 370 हटाकर अपना दम दिखाया है। उन्होंने कहा कि जन अपेक्षाओं को प्रत्यक्ष में साकार कर, जन भावनाओं का सम्मान किया है।



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Sangh Chief News | Rashtriya Swayamsevak Sangh Mohan Bhagwat Will Address On Dussehra Vijayadashami Festival 2020


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